मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा का छात्रों को सफलता के लिए प्रेरित करने वाला सेमिनार
- A1 Raj
- 1 सित॰
- 3 मिनट पठन
राजधानी जयपुर में रविवार को मानसरोवर स्थित दीप स्मृति ऑडिटोरियम में चहल अकादमी की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक भव्य सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में देश के जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर एवं यूपीएससी शिक्षक अवध ओझा ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।

चहल अकादमी के फाउंडर यश चौधरी ने बताया कि इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में भारत के प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर एवं यूपीएससी शिक्षक अवध ओझा ने विद्यार्थियों को अपने अनुभवों और ज्ञान से प्रेरित किया।
सेमिनार का उद्देश्य
इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को सही दिशा में मार्गदर्शन करना था। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, और ऐसे में सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यश चौधरी ने बताया कि विद्यार्थियों को प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें तैयारी के लिए उपयोगी टिप्स भी दिए जाएंगे।
उदाहरण के लिए, पिछले साल यूपीएससी की परीक्षा में सफल छात्रों ने बताया था कि उन्हें एक स्पष्ट अध्ययन योजना बनाने में मदद मिली जिसने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विद्यार्थियों की भागीदारी
इस सेमिनार में राजस्थान के विभिन्न शहरों से लगभग 2500 छात्रों ने भाग लिया। यह संख्या इस बात का प्रमाण है कि विद्यार्थियों में अपने भविष्य को लेकर कितनी उत्सुकता है। अवध ओझा ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि "कठिनाइयों का सामना करना ही सफलता की कुंजी है," जो कि एक प्रेरक संदेश था।
एक सर्वेक्षण के अनुसार, 70% छात्रों का मानना है कि प्रेरणा प्राप्त करने से उनकी पढ़ाई में सुधार हुआ है।
ध्यान भटकाव से बचने के उपाय
सेमिनार के दौरान अवध ओझा ने पढ़ाई करते समय ध्यान भटकाव से कैसे बचें, इस पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि आजकल के समय में शिक्षा का दबाव एक सामान्य समस्या बन गया है। छात्रों को चाहिए कि वे नियमित योग और ध्यान करें।

आधुनिक टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करते हुए ओझा ने सुझाव दिया कि छात्र ध्यान केंद्रित करने के लिए विविध अध्ययन ऐप्स और समय प्रबंधन टूल का उपयोग करें।
प्रभावी तैयारी की रणनीतियाँ
अवध ओझा ने विद्यार्थियों को प्रभावी तैयारी की रणनीतियाँ भी बताईं। उन्होंने कहा कि सही समय प्रबंधन और नियमित अध्ययन से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।

इसके अलावा, उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे अपने कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान दें। एक अध्ययन में पाया गया कि जो छात्र अपने कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, उनकी सफलता की संभावना 60% तक बढ़ जाती है।
शिक्षा का बढ़ता प्रेशर
अवध ओझा ने इस विषय पर भी अपने विचार साझा किए कि आजकल के बच्चों पर शिक्षा का प्रेशर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह अनिवार्य है कि विद्यार्थी अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान का सहारा लें।
उपयोगी टिप्स
अवध ओझा ने पढ़ाई एवं पेपर से संबंधित कुछ उपयोगी टिप्स भी साझा किए। विद्यार्थियों को अपने नोट्स को नियमित रूप से रिवाइज करने और मॉक टेस्ट का अभ्यास करने की सलाह दी गई। इससे न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि परीक्षा के माहौल का अनुभव भी होता है।
रोमांचक घोषणा
कार्यक्रम स्थल पर एक रोमांचक घोषणा भी की गई। अवध ओझा ने जानकारी दी कि वह चहल अकादमी के साथ लंबे समय तक जुड़ेंगे और अपने ज्ञान को विद्यार्थियों तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
यह घोषणा विद्यार्थियों के लिए नई उम्मीद लेकर आई और उनके मनोबल को बढ़ाने का काम किया।
सारांश
इस सेमिनार ने विद्यार्थियों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उन्हें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। अवध ओझा की बातें विद्यार्थियों के लिए एक नई ऊर्जा का स्रोत बनीं। इस प्रकार के सेमिनार विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये उन्हें सही मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करते हैं।

अवध ओझा का यह सेमिनार निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिए एक यादगार अनुभव रहा, और यह उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगा।







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