बिसाऊ की मूक रासलीला"
- A1 Raj
- 7 जन॰ 2023
- 2 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 10 जन॰ 2023
इस फिल्म के निर्माण की प्रेरणा इसकी अनोखी प्रस्तुति पर आधारित है, जो प्रभु श्रीराम के नाम की महिमा का ज्वलंत उदाहरण भी है | भारतवर्ष के राजस्थान प्रान्त के झुन्झुनू जिले का एक छोटा-सा कस्बा है "बिसाऊ", जिसकी ख्याति का कारण है यहां पर गत 165 वर्षों से अविरत

आयोजित की जा रही "मूक रामलीला" |
मूक अर्थात् बिना किसी संवाद के |
कहा जाता है, कि इस रामलीला के आयोजन के तार भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए हैं |
इस रामलीला के आयोजन से लेकर मंचन तक की सभी गतिविधियों में यहां के आम निवासी ही भाग लेते हैं |
पीढी दर पीढी इस अद्भुत कला को जीवित रखकर बिसाऊ के निवासियों ने ईश्वर भक्ति, देश-प्रेम और आपसी सद्भाव की एक अनूठी मिसाल कायम की है |
यहां के ऐतिहासिक किले के सामने खुली सड़क पर 250 फिट लंबा और 20 फिट चौड़ा स्थान जिसे दंगल कहा जाता है, इस रामलीला का अनोखा मंचन-स्थल बनता है, जिसमें थोड़ी थोड़ी दूरी पर प्रभु श्रीराम के जीवन से संबंधित कुछ प्रमुख घटनाओं पर आधारित कुछ प्रतिकात्मक मंच सजाए जाते हैं,|
किसी भी कलाकार द्वारा एक भी संवाद ना बोला जाना अर्थात् मूक अभिनय ही इस रामलीला की विशेषता है | मंचित की जा रही प्रत्येक घटना को समझाने के लिए पार्श्व से ही रामचरित मानस की संबंधित चौपाईंयों और दोहों का गायन ही एक सूत्रधार बन जाता है |
प्राचीन और आधुनिक शैली को समन्वित करने का यह अनूठा प्रयास ही इस विश्व विख्यात रामलीला की प्रसिद्धि का कारण है |
इस रामलीला के विभिन्न पात्रों के लिए आवश्क मुखौटे, उनकी वेशभूषाऐं, मेक-अप, गैट-अप, सैट्स के लिए ज़रूरी सामान सभी कुछ यहां के स्थानीय लोग ही करते हैं |
दंगल युद्ध को वास्तविक दिखाने और सफल मंचन के लिए रामलीला प्रारंभ होने से 2 महीने पहले से ही सभी पात्र अभ्यास में जुड़ जाते हैं |
यदि यह कहा जाए कि यह "बिसाऊ की मूक रामलीला" यहां के नागरिकों की नागरिको द्वारा, नागरिको के लिए यानि "Of the people, by the people and for the people" है, तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी |
बिसाऊ के बारे में सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है, कि-
"वैसे तो इस शहर को कोई जानता ना था,
एक राम के ही नाम ने मशहूर कर दिया |"
इस फिल्म के निर्माण में निम्नलिखित व्यक्तियों का योगदान है :-
प्रस्तुति : कमल पोद्दार
परिकल्पना एवं निर्देशन : रजनी आचार्य
लेखन : मनजीत सिंह कोहली
रिसर्च एवं सह निर्देशन : इलैशा जैन
कैमरा : प्रकाश कार्लेकर
एडीटर : प्रकाश जाधव
और सबसे महत्वपूर्ण योगदान : बिसाऊ के निवासी







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