महारानी महाविद्यालय की छात्राएं आक्रोश में
- A1 Raj
- 27 जन॰ 2023
- 2 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 28 जन॰ 2023
महारानी महाविद्यालय में महाविद्यालय के छात्र संघ और छात्राओं द्वारा 23 जनवरी को हुए छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन में हुए गुंडागर्दी वह अभद्र व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शन किया

साथ ही विश्वविद्यालय छात्र संघ प्रशासन और सरकार से महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया

छात्राओं ने महाविद्यालय के गेट पर विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष और महासचिव का पुतला भी जलाया और जमकर नारेबाजी की

महारानी महाविद्यालय की छात्राओं का यही कहना था और प्रदेश की सरकार से यही सवाल था कि आखिर प्रदेश में कब तक महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगी
देश के सबसे बड़े महाविद्यालय होने के बावजूद जिस प्रकार की घटना सरेआम मंच पर हुई

उसको लेकर छात्राओं ने पुरजोर विरोध किया और प्रदेश सरकार से और सभी बड़े नेताओं से यह सवाल किया है कि क्यों आज सब यहां मौन है क्यों कोई महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल नहीं उठाता क्यों उस कांड और दुर्घटना में शामिल महासचिव और अध्यक्ष और उनके साथी गणों के ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ?

इस को लेकर उनका सरकार से प्रशासन से पुलिसकर्मियों से सभी से सवाल रहा

वह लोग अब कहां है जो कहते हैं कि मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं क्या वह सिर्फ प्रदर्शन वहीं तक है जहां पर केंद्र की सरकार है या फिर कहां जाना चाहिए बीजेपी की सरकार क्यों जो लोग यह नारा देते हैं कि मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं खुद की सरकार के प्रदेश में यह सवाल नहीं उठाते
इतने बड़े महाविद्यालय में महिलाओं के साथ जो सुरक्षा की चूक हुई जो एहतियात नहीं बरते गए और बाद में भी जो कार्रवाई नहीं की जा रही है उसको लेकर के लोग क्यों आगे नहीं आते हैं क्यों कोई जवाब नहीं देते हैं क्यों मौन है
इसको लेकर महिलाओं ने छात्राओं ने जमकर विरोध किया प्रदर्शन किया जिस प्रकार से इस कांड के दोषी महासचिव और अध्यक्ष व उनके साथी गण आज भी खुलेआम घूम रहे हैं अलग-अलग कार्यक्रमों का हिस्सा ले रहे हैं और सोशल मीडिया पर एक्टिव बने हुए हैं तो क्या प्रदेश की सरकार ने पुलिस को अपना गुलाम बना रखा है? क्या उनको कार्यवाही नहीं करने दे रहे हैं क्या उनके ऊपर किसी तरह की आगे कार्रवाई की जाएगी क्या महिला सुरक्षा फिर से एक सवाल बनकर रह जाएगी या आगे कोई आएगा जो महिला सुरक्षा को तवज्जो देगा
इस विषय की महत्ता को समझे गा या 21वी सदी में भी आज भी महिलाएं उसे द्रौपदी की स्थिति में है जहां आज भी महिलाओं की इज्जत कोई भी भरी सभा में तार-तार कर सकता है और उसको लेकर कोई सवाल नहीं उठाता







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