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जेकेके में 23 वें कला मेले की हुई शुरुआत

  • लेखक की तस्वीर: A1 Raj
    A1 Raj
  • 3 फ़र॰ 2023
  • 3 मिनट पठन

राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से तथा जेकेके की सहभागिता में किया जा रहा है आयोजित

'वरिष्ठ कलाकारों के अनुभव व युवा पीढ़ी के जोश के संयोजन से होगा कला का भविष्य उज्जवल'

— डॉ. बी. डी. कल्ला


जयपुर, 3 फरवरी। राज्य के कला जगत में यदि पुरानी पीढ़ी का अनुभव और नई पीढ़ी का जोश एक साथ मिलकर कार्य करेगा तो राज्य में कला भविष्य उज्जवल हो सकेगा।

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इसके लिए राजस्थान ललित कला अकादमी को राजस्थान के हर जिले में कलाकारों के कम से कम पांच दिन के शिविर लगाए जाने चाहिए ताकि वरिष्ठ कलाकारों के अनुभवों का युवा कलाकारों को लाभ मिल सके।

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यह कहना था राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बी.डी. कल्ला का। वे शुक्रवार को जेकेके में राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से तथा जवाहर कला केंद्र (जेकेके) की सहभागिता में शुरू हुए 23 वें कला मेले के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि इस बार के मेले के माहौल को देखकर ऐसा लग रहा है कि कलाकारों ने स्वयं यह मेला आयोजित किया है।

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इस अवसर पर राजस्थान लघु उद्योग निगम के चेयरमेन राजीव अरोड़ा ने कहा कि इस बार के कला में मेले में राज्य के दिवंगत कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं, जो सराहनीय प्रयास है।

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अरोड़ा ने कलाकारों को बढ़ावा दिए जाने के राज्य सरकार के प्रयासों को भी रेखांकित किया।

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राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने इस आयोजन के हर सहभागी का उनके योगदान के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि मेले में युवा कलाकारों को उनकी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया गया है, जहां वे वरिष्ठ कलाकारों के अनुभव का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। कला मेले के संयोजक लाखन सिंह जाट ने मेले का परिचय देते हुए बताया कि इस बार करीब 120 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां देशभर के 500 से अधिक कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं। 

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राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उद्घाटन समारोह के बाद सभी अतिथियों ने कला मेले की विजिट कर कलाकारों को प्रोत्साहित किया। डॉ. बी. डी. कल्ला ने नोहर, हनुमानगढ़ के कलाकार तिलोक चंद जांगिड़ की त्रिज्ञामी आर्ट की एक कृति खरीदी। त्रिज्ञामी आर्ट तीन तरफ से बनाई जाती है और आगे व पीछे से समान होती है व इसमें कोई जोड़ नहीं होता है।उद्घाटन समारोह के दौरान लेखिका डॉ. रीटा प्रताप की पुस्तक 'विजुअल आर्ट ऑफ इंडिया : थ्रू द एजेज' का विमोचन भी किया गया। पुस्तक में चित्रकला, मूर्तिकला व वास्तुकला का अध्ययन सम्मिलित किया गया है। इस अवसर पर जेकेके की लेखाधिकारी शहला खान और राजस्थान ललित कला अकादमी की कार्यकारिणी सदस्य व वसुधा जन विकास संस्थान की अध्यक्ष मोना शर्मा भी उपस्थित थीं।

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उल्लेखनीय है कि इस कला मेले में देशभर के कलाकारों, कला संगठनों, कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज की ओर से अपने स्टॉल्स पर विभिन्न कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं। कुछ पर कला के विविध रूपों का लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी दिया जा रहा है, जो विजिटर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। जेकेके की सुदर्शन आर्ट गैलरी में राजस्थान के दिवंगत कलाकारों की बनाई कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं।

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इसी प्रकार यहां की सुरेख व सुदर्शन आर्ट गैलरी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त व पद्मश्री से सम्मानित कलाकारों के बनाए चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है। सुकृति आर्ट गैलरी में राजस्थान ललित कला अकादमी के मौजूदा चित्रों का संग्रह प्रदर्शित किया जा रहा है। 

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कला मेले के दूसरे दिन शनिवार को राष्ट्रीय चित्रकार शिविर का उद्घाटन होगा। इसके बाद क्ले डेमोंस्ट्रेशन और व्याख्यान व संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।

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