जुट पर बनाई पेंटिग विनीत को मिली अलग पहचान
- A1 Raj
- 9 फ़र॰ 2023
- 1 मिनट पठन
चित्रकार विनीत जाँगिड़ का जन्म नागौर जिले के लादड़िया गांव मे हुआ | पिता का नाम नन्दलाल जाँगिड़ और माता विमला जाँगिड़ नें उनमें बचपन से हि चित्रकार नजर आनें लगा |

*वाणिज्य संकाय से हुई शिक्षा नही कर सकी कलाकारों को कला से दूर :
* विनीत ने अपनी स्कुल कि शिक्षा ग्रामीण विधालय मे हि ग्रहण की व कुचामन महाविद्यालय से B. com कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद कला संकाय से फाईन आर्ट के लिए राजस्थान स्कुल ऑफ आर्ट, जयपुर मे प्रवेश लिया |

*जुट कैनवास पर पेंटिग बनाने से कैसे मिली पहचान* :
विनीत ने बताया कि आज बाजार मे बहुत अच्छे अच्छे कैनवास आ रहे है पर उन्हें कुछ करना अच्छा लगता है |

गुरु कृष्ण कुमार कुंडारा व दुर्गश अटल के मार्गदर्शन में कार्य करना प्रारंभ किया | जुट कैनवास पर पेंटिग बनाना होता है मुशकिल व स्वयं तैयार करने पड़ते है कैनवास कुछ समय बाद किया जाता है उन पर कार्य जिनमें विनीत को राजस्थानी धरोहर व पुरानी हवेलीया , गढ, किलें बनाना अच्छा लगता है |

जवाहर कला केंद्र में कैसे हुई जुट कैनवास पर बनी पेंटिग आकर्षण केन्द्र:*
संस्था कि और से आयोजित कला 6 दिवसीय कला मेले में 500 से अधिक चित्रकारों ने हिस्सा लिया | दर्शकों को व पेंटिग खरीदारो को हमेशा है कुछ कलाकृति है उम्मीद रहती है |

जो कि उन्हें यहां जुट कैनवास पर बनें गुलाबी नगरी हवामहल , ब्लयु सिटी जोधपुर , पुरानी हवेलीयो के पेंटिग आकर्षित कर रही थी |

















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