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अपने बचपन की यादे अपने ही नये स्टाईल मे रेखांकित करने वाली कलाकार निलांगी प्रभू केळुसकर.

  • लेखक की तस्वीर: A1 Raj
    A1 Raj
  • 7 फ़र॰ 2023
  • 1 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 10 फ़र॰ 2023

निलांगी का बचपन अपने गाव नरपड, डहाणू, महाराष्ट्र मे गुजरा. बचपन मे उन्होने जो मेहसूस किया, अनुभव किया उसकी छाप उनके मस्तिष्क मे हमेशा के लिए प्रतिबिंबित हो गई है । वही अभी उनके पेंटिंग मे झलक रही है।



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निलांगी प्रभू केळुसकर परिचय

मुंबई में पली-बडी निलांगी का कलाक्षेत्र से बडी देर बाद संबंध आया। उन्होने अर्थशास्त्र और मराठी साहित्य मे M.A. किया है। शिक्षक बनने की चाह मे उन्होने B'ed. की पदवी भी हासील की है।




कुछ समय तक उन्होने विद्यादान का भी काम किया. लेकिन गत चार-पाच सालो मे उन्हे पेंटिंग मे रुची उत्पन्न हुयी. उन्होने abstract, कन्सेप्च्युअल semi-abstract शैली मे निरंतर काम किया।



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कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए

उनका कला प्रवास अभी उनकी खुद की निओ ट्रायबल आर्ट शैली के दौरे से गुजर गुजर रहा है. निलांगीने अब तक 17 कला प्रदर्शनी मे हिस्सा लिया है. और उन्हे कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए है।


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जयपुर मे जवाहर कला केंद्र मे हाल ही में हुई ललित कला प्रदर्शनी मे उनके चित्र प्रदर्शित हुए है।












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